hanuman chalisa No Further a Mystery
hanuman chalisa No Further a Mystery
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Boosts Self esteem: Lord Hanuman symbolizes energy and bravery, and worshipping him can Raise self esteem and fortitude in going through troubles.
होत न आज्ञा बिनु पैसारे ॥२१॥ सब सुख लहै तुह्मारी सरना ।
सबकी न कहै, तुलसी के मतें इतनो जग जीवनको फलु है ॥
Placing the ring of Rama inside your mouth, you jumped and flew about Ocean to Lanka; there is absolutely no surprise in that.
भावार्थ – श्री सनक, सनातन, सनन्दन, सनत्कुमार आदि मुनिगण, ब्रह्मा आदि देवगण, नारद, सरस्वती, शेषनाग, यमराज, कुबेर तथा समस्त दिक्पाल भी जब आपका यश कहने में असमर्थ हैं तो फिर (सांसारिक) विद्वान् तथा कवि उसे कैसे कह सकते हैं? अर्थात् आपका यश अवर्णनीय है।
“Hanuman will launch People from difficulties who meditate upon him of their thoughts, actions and terms.”
भावार्थ – हे महावीर! आप वज्र के समान अंगवाले और अनन्त पराक्रमी हैं। आप कुमति (दुर्बुद्धि) का निवारण करने वाले हैं तथा सद्बुद्धि धारण करने वालों के संगी (साथी, सहायक) हैं।
You flew in direction of the Solar who is thousands of many years of Yojanas away, thinking about him like a sweet fruit
व्याख्या – जन्म–मरण–यातना का अन्त अर्थात् भवबन्धन से छुटकारा परमात्म प्रभु ही करा सकते हैं। भगवान् श्री हनुमान जी के वश में हैं। अतः श्री हनुमान जी सम्पूर्ण संकट और पीड़ाओं को दूर करते हुए जन्म–मरण के बन्धन से मुक्त कराने में पूर्ण समर्थ हैं।
Why the band applied the title Hanuman is unclear, even so the artists have said that Santana "was a task model for musicians back in Mexico that it absolutely was probable to carry out wonderful audio and become a global musician."[one hundred fifty five]
"किसने लिखी थी हनुमान चालीसा, जिसके बारे में कही जाती हैं कई बातें".
श्री हनुमान चालीसा लिरिक्स के अंग्रेजी और हिन्दी अनुवाद निम्न लिखित हैं। सटीक हनुमान चालीसा का पाठ पढ़ने के लिए लिंक पर क्लिक करें।
Owning polished the mirror of my coronary heart While using the dust of my Expert’s lotus toes, I recite the divine fame of the best king on the Raghukul dynasty, which bestows us Together with the fruit of all four attempts.
भावार्थ – अन्त समय में मृत्यु होने पर वह भक्त प्रभु के परमधाम (साकेत–धाम) जायगा और यदि उसे जन्म लेना पड़ा तो उसकी प्रसिद्धि हरिभक्त website के रूपमें हो जायगी।